वीडियो जानकारी:<br /><br />१६ अप्रैल, २०१८<br />हार्दिक उल्लास शिविर,<br />पंगोट, उत्तराखंड<br /><br />प्रसंग:<br /><br />"हरि है खांड रेत मांहि बिखरी, हाथी चुनी न जाई ।<br />कहैं कबीर गुरु भली बुझाई, चींटी होय के खाई ॥"<br /><br />~ गुरु कबीर<br /><br />गुरु कबीर को कैसे समझें?<br />कबीर जी हाथी और चींटी के माध्यम से क्या बता रहे हैं?<br />मोटे मन और स्थूल मन में क्या अंतर होता है?<br />नित्य और अनित्य में भेद कैसे करें?<br /><br />संगीत: मिलिंद दाते
